Wednesday, June 22, 2016

नीम का पेड़

"जब तक मैं अब्बू के कंधो पर बैठ कर बाजार का चक्कर नही लगाती मेरी शाम नही होती थी। उनके कंधे जैसी महफ़ूज़ सवारी आजतक नही मिली।100 तक गिनती उनके कंधो पर ही सीखी थी मैने।
"फिर....? 
"फिर.... मैं बड़ी हो गई और अब्बू बूढ़े।" 
"वो आप को डांटते भी थे ?" 
"हाँ...डांटते थे और प्यार भी करते थे। बिलकुल इस नीम के पेड़ की तरह थे। कड़वे पर छायादार।
"अम्मी जब अब्बू आप पर गुस्सा करते है। आप को नानू बहुत याद आते है ना ?"
"नही, जब वें तुम्हे कंधो पर उठा कर आइसक्रीम खिलाने ले जाते है तब ज्यादा याद आते है।"