Sunday, March 20, 2016

इज़्ज़त की रोटी














"एक फिरकी के दस रूपये ज्यादा है आठ मिलेंगे।"

"आठ तो कम है।"

"अरे....रख लो अम्मा कहाँ ले जाओगी इतना पैसा।"

"बेटी पेट भर जाये वो ही बहुत है।"

"आप के बच्चे नही है ?"

"राम जी बनाये रखे दो बेटे है।शहर में रहते है।"

"फिर खिलौने क्यों बेचती हो,बेटे पैसे नही भेजते क्या ?"

"अकेले पेट के लिए क्यों बच्चों के सामनेे हाथ फैलाऊँ। महंगाई में उनका ही गुजारा मुश्किल से होता होगा। 

वैसे खिलौने बेचकर मेरा समय भी बीत जाता है।और इज़्ज़त की दो रोटी भी मिल जाती है।" दो आंसू चेहरे की सलवटों में समा गए।





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