Saturday, August 28, 2021

गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त

 
मेरा एक दोस्त है फिलीपींस से, ऑफिस में साथ काम करता है। ऑफिस के साथ-2 वो अपना साइड बिज़नेस भी करता है जिसके पार्सल अक्सर ऑफिस के पते पर ही डिलीवर होते है। कभी-२ अगर ऑफिस टाइम के बाद कोई डिलीवरी होती है तो, वो मुझे फ़ोन कर के रिसीव करने के लिए बोल देता है क्योंकि मेरा घर ऑफिस से चंद क़दमों की दूरी पर ही है।

हमारे ऑफिस की जुमे और बार (शनिवार) की छुट्टी रहती है तो आज भी उसने मुझे शाम में कॉल करके बोला था कि मेरी डिलीवरी आयेगी प्लीज़ रिसीव कर लेना।

रात के 10;30 बजे मुझे डिलीवरी बॉय की कॉल आई।

हेल्लो- जी कौन मैंने (टूटी फूटी अरबी में पूछा) सामने से अरबी में जवाब आया कि आपकी डिलीवरी है। साथ ही उसने एक दो सेंटेंस और अरबी में बोले जो मुझे समझ नही आये। तो मैंने इंग्लिश में पूछा कि आप कहाँ से हो ( इजिप्ट, यमन, इंडिया या पाकिस्तान) उसे जवाब दिया कि मैं कश्मीर से हूँ  फिर हमनें हिंदी या समझ ले उर्दू में बात की, उसने कहा कि आप दो मिनट में बाहर आकर पार्सल रिसीव कर ले।
मैंने उसे अपने घर की लोकेशन भेजी क्योंकि उसके पास ऑफिस वाली लोकेशन थी और दरवाजे पर जाकर उसका इंतेज़ार करने लगा। लगभग मुश्किल से एक मिनट के बाद ही  उसने मेरे करीब आकर कार रोकी, पिछली सीट से एक बॉक्स उठाकर मुझे दिया और फोन नंबर कन्फर्म करके जाने लगा।
मैंने पानी की बोतल जो में उसके लिए लाया था उसे दी। 
उसने दो घूट पानी के पिये मेरा शुक्रिया अदा किया और फिर से जाने लगा।
मैंने उसे रोकते हुए कहा.. भाई अगर बुरा ना मानो तो एक बात पूछूँ?
जी बोलिये.. उसने कहाँ।
आपसे जब मैंने आपकी नशनल्टी के बारे में पूछा तो आपने कश्मीर बताया आप इंडिया या पाकिस्तान भी कह सकते थे?

"दोस्त ना तो इंडिया हमें अपना समझता है और ना ही पाकिस्तान, दोनों मुल्कों ने हमें सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा समझा हुआ है हमें तो यह दोनों मुल्क इंसान ही नही समझते है, बस अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से हमारा इस्तेमाल करते है। इसलिए मैं सिर्फ कश्मीर का हूँ।"
  
कश्मीर के बारे में कहा जाता है कि “गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त/ हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त” (धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं).
#कौशेन

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